दिल के जख्म थोड़े गहरे है

 दिल के जख्म थोड़े गहरे है 

गहरे जख्मो को भरने आया हूँ। 

और देखता हूँ कब तलक हराएगी जिंदगी 

चल आजा में फिर से लड़ने आया हूँ।। 


कैसी गुजरी होगी वो रात 

जरा सोच कर तो देखों 

जिस रात तुमने छोड़ा था।। 

सब कितनी जल्दी बदल जाता है न 

जिसे मेरा हाथ पकड़ना चाहिए था 

वो मेरी एक गलती ही पकड़ के बैठ गई।। 


ये क्या हुआ की हमारा दिल हमारा नहीं लगता 

एक आपके चेहरे से सुन्दर कोई नजारा नहीं लगता ।

और उस चाँद को बहुत गुरुर था खुद पर 

हमने आपकी तस्वीर दिखा दी अब वो  खुद को ही प्यारा नहीं लगता।। 


मुझे मनाने के लिए उसकी एक मुस्कराहट ही काफी थी 

और उसको मनाने के लिए मेरे लाख आंसू भी कम थे।। 


पलकों के किनारे हमने भिगोये नहीं 

वो समझते रहे हम रोये नहीं।  

वो पूछते है तुम ख्वाबो में किसे याद करते हो 

हम उन्हें कैसे बताये  कि हम बर्षो से सोये नहीं।। 


दिल टूट गया तो रोना क्यों 

यादों का खजाना बाकी हैं। 

मुझ सा कोई न चाहेगा

तुझे समझ में आना बाकी है।। 


में रिश्ता बचाने के लिए झुकता रहा 

उसने तो मुझे गिरा ही समझ लिया।। 



हम पूछते रहे सितारों से 

कि हमारा चाँद कहाँ हैं ?

सितारे बोले मुँह फेर कर 

हमें नाज है तेरी मोहब्बत पर 

मगर तेरा चाँद बेवफा है।। 


कि अब बातें कोई उम्मीद कि लगती नहीं हैं 

हमारे बीच अब कुछ ज्यादा बनती नहीं हैं। 

बस शिकायत है उस लड़की से मुझे अब 

वो मेरा फ़ोन सुनती है मगर करती नहीं है।। 


तरसती दो निगाहों में रह कर 

में जलता रहा तेरी छाँव में रह कर ।  

हर फूल नहीं होता सुकून का जरियाँ 

ये सीखा हमने किसी कि बाँहों में रह कर ।। 




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