जिंदगी के अफ़साने भी बडे अजीब हैं.
बसें हैं जो दिल में हमारे,
ये क्या तुम फिर से ख़यालों में आ गए,
सुबह, सुबह हमको कोई काम नहीं क्या.
तेरी खामोशी में मेरी मोहब्बत बोलती है.
तेरे नाम के सजदे में.मेरी इबादत बोलती है
रिश्ता ये कैसा, तेरा मुझसे,
जिंदगी तेरी है और सांसें मेरी चलती हैं|
यूं तो रूबरू तुमसे दोबारा हम हुए नहीं कभी,
मगर सच में पहली मुलाक़ात के बाद,
हम तुमसे जुदा हुए नहीं कभी।
आ बैठ करीब मेरे तुझ पर कुछ अल्फ़ाज़ लिखूं,
लिखूँ दिल का सुकून तुझे या खुबसुरत ख़्वाब लिखूँ|
वो मिल जाये मुझे, काश किसी बारिश की बूंद की तरह
अपने दिल में जगह बनाकर उसे छुपा लू मोतियो की तरह
उलझने संभाल रखी है मैंने दिल में,
लोग समझते हैं बहोत सुकून में हूँ मैं.
सितम ढाते हुवे सोचा करोगे
हमारे साथ तुम ऐसा करोगे
अंगूठी तो मुझे लोटा रहे हो
पर अंगूठी के निसान का क्या करोगे


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