बुरे है हम, तो हमको छोड़ दोना
कम से कम जाते हुए मुझसे निगाहें न बदल
कल तुझे मुझसे कोई काम भी पड़ सकता है
दर्द तो तय है की मेरे साथ ही जायेगा मगर
तुम चले आओ तो आराम भी पड़ सकता है
तुम तो मजाक में कह देते हो पागल मुझे
रफ्ता रफ्ता ये मेरा नाम भी तो पड़ सकता है
कल तुझे मुझसे कोई काम भी पड़ सकता है
दर्द तो तय है की मेरे साथ ही जायेगा मगर
तुम चले आओ तो आराम भी पड़ सकता है
तुम तो मजाक में कह देते हो पागल मुझे
रफ्ता रफ्ता ये मेरा नाम भी तो पड़ सकता है
कुछ नहीं बदला दीवाने थे दीवाने ही रहे
हम नए शहर में रहकर भी पुराने ही रहे
दिल की बस्ती में हजारो तूफ़ान आये मगर दर्द के मौसम सुहाने थे सुहाने ही रहे
हमने अपनी सी बात की वो नहीं पिघला कभी
उसके होठों पे बहाने थे बहाने ही रहे
मुझे एक ऐसे बदन की सख्त जरुरत है
जो मेरी रूह से उसका बदन उतर सके
माना की हम लड़ते बहुत है
मगर प्यार भी बहुत करते है
हमारे गुस्से से नाराज न हो जाना
क्योंकि गुस्सा हमारा ऊपर से है
और प्यार दिल से करते है
कितना प्यार करते है तुमसे
यह कहना नहीं आता
बस इतना जानते है की बिना
तुम्हारे रहना नहीं आता
इश्क़ में कहा कोई उसूल होता है
यार चाहे जैसा भी हो बस कबूल होता है
यार चाहे जैसा भी हो बस कबूल होता है

.jpg)

.jpg)

0 Comments
दोस्तों कमेंट करके बताये कैसी लगी शायरी !