Sakht Launda Shayari in hindi, Sakht launda shayari hindi me,
अगर फिर मिल जाओ कभी किसी कोने में
तो सोच कर हमारा इश्क़ मत लग जाना रोने में
क्योंकि शायद गलती तुम्हारी थी हमारे जुदा होने में
अपने आप को सही साबित करने के लिए
गलतियों को समझाना मत।।
मेरी आखों में अगर आँखें डालोगी
तो इन आखों को चुराना मत
जैसे गले लगाया करती थी मुझे पहले
फिर से गले लगाना मत।
इस सख्त बन चुके लोंडे को
फिर से पिघलाना मत
अब में तुझे भूल चूका हूँ
मेरी जिंदगी में वापस आना मत।।
तुझे खोने के बाद जिंदगी में
मैंने बहुत कुछ पा लिया है
मानो ज़माने ने तो गले से लगा लिया है
तेरी तोहिंद पे लिखी हुई शायरी
अब लोगो को अच्छी लग रही है।
तेरी बेवफाई के किस्से
अब लोगो को सच्चे लग रहे है
कोई पूछे हमारे किस्से तो
उन्हें झुठलाना मत।।
तेरी हर ख्वाइश को
अपनी जरुरत बनाया था
तू हर छोटी बात पे रूठ जाया करती थी
मैंने हर बार तुझे मनाया था
तेरे जन्मदिन को भी
किसी त्यौहार की तरह मनाया था
तेरे साथ सारी जिंदगी बिताने
का सपना भी सजाया था
लेकिन अब तो बेकार की सब
मोहमाया से दूर हो गया
तूने तोडा दिल ऐसे
की लोंडा सख्त हो गया।।
कहा था न साहब
इश्क़ में बर्बाद हो जाओगे
मैं से हम और हम से तुम
तुम कौन हो हो जाओगे||
मेरी बुराइयां बड़ी दूर तक फैला दी उसने
और अच्छाइयों को किसी को बताया नहीं
और कहती है के वापस आना है मुझे
लगता है किसी ने मुँह लगाया नहीं ||
कहती है बातें बहुत अच्छी करते हो
मैंने कहा धन्यवाद
कहती है मिलोगे कब ?
मैंने कहा सदियों के बाद
कहती है तुम प्यार बारे क्या सोचते हो
मैंने कहा पैसा बर्बाद बहनचो ||
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